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kisi rah me,kisi mod pe...

तेरे दामन की ज़रूरत है...

हम से सीख लो !

आह्ट

दुनिया से बेखबर तेरे साथ थे

पत्थर कि इस नगरी मे

मोसम की तरह , हर रोज़ बद्लता है वो

खामोशिया़

...तु नही है गर ज़िन्दगी मे तो

हम कहा़ आ गये ?